1 उधर आप मजबूर बैठे हैं,,,,इधर हम खामोश बैठे है.... बात हो तो कैसे हो,,,,जब दोनों तरफ दो कंजूस बैठे हैं..!!
2 जब जब घिरे बादल तेरी याद आई,,,, जब झूम के बरसा सावन तेरी याद आई,,,,और जब जब मैं भीगा मुझे तेरी याद आई,,,,मेरे भाई तूने मेरी छतरी क्यो नहीं लौटाई..!!
3 मेरे प्यार को बेवफाई का इनाम दे गई,मेरे दिल को अपनी यादों का पैगाम दे गई,मैंने कहा मेरे दिल में दर्द है तेरे बिना,तो वो जाते-जाते “झंडूबाम” दे गई।
4 सोचता हूँ कंजूसों का एक डिपार्टमेंट बनाऊ,,,, चेयरमैन की कुर्सी पर आपको बिठाऊ,,,,दुनिया से आप को चंदा दिलवाऊ,,,, ताकि आप से कुछ मैसेज्स तो ले पाऊ..!!
5 फ़ोन के रिश्ते भी अजीब होते हैं,,,,बैलेंस रखकर भी लोग गरीब होते हैं,,, खुद तो मैसेज करते नहीं,,,, मुफ्त के मैसेज पढ़ने के शौक़ीन होते हैं..!!
6 जवानी के दिन चमकीले हो गए,,,,हुस्न के तेवर भी नुकीले हो गए,,,, हम इंतज़ार करने में रह गए यारो,,,, और उधर उनके हाथ पीले हो गए।
7 जब होता है तुम्हारा दीदार,,,,दिलधड़कता है बार-बार,,,, आदत से मजबूर हो तुम,,,,न जाने कब मांग लो उधार।
8 तेरे इश्क का बुखार है मुझको,,,,और हर चीज़ खाने की मनाही है,,,, एक इश्क के हकीम ने सिर्फ,,,,तेरे चमन की मौसमी बतायी है।
9 सफ़ेद साड़ी पे जब लाल बिन्दी लगाती हो,,,, कसम से एक दम एम्बुलेंस नजर आती हो,,,, वो तो घायलों को लेकर जाती है,,,, और तुम घायल करके जाती हो।
१० ये जो लड़कियों के बाल होते हैं,,,,लड़कों को फ़साने का जाल होते हैं,,,, खून चूस लेती हैं लड़कों का सारा,,,,तभी तो इनके होंठ लाल होते हैं।
0 Comments
एक टिप्पणी भेजें